तीन दिन पहले टीवी पर एक राजकुमार और राजकुमारी की शादी सारी दुनिया ने देखा. जिस तरह से वे दोनों एक दूसरे की ओर प्यार से देख रहे थे सबने कहा यह दोनों मिसाल हैं एक सफल दम्पति के. उनको खुश देखकर बड़ी ख़ुशी हुई.
पर एक सफल दम्पति कहलाने के लिए कई साल लग जाते हैं. शादी के दिन तो सभी खुश होते हैं, सुन्दर सपने सजाते हैं, रंगीन सपने देखते हैं. असल ज़िन्दगी तो शादी के बाद शुरू होती है. एक दम्पति तभी सफल कहलाता है जब वे सुख दुःख में एक दुसरे का साथ दें बिना एक दूसरे को दोष दिए. रिश्ते की मज़बूती का तब एहसास होता है जब दोनों अपने बच्चों की परवरिश एक साथ करते हैं, घर का काम, हर सुख दुख आधा आधा बाँट लेते हैं. एक शादी तभी सफल होती है जब पति पत्नी एक दुसरे के साथ हो नाकि एक दुसरे के खिलाफ. जब दोनों यह न कहे के “तुम्हारे माँ-बाप या भाई बहन में ये कमी है” पर एक दुसरे के परिवारों की इज़्ज़त करे और उनकी खामियों को समझकर बात करें न की अपने रिश्ते पर आंच आने दे. एक शादी तब सफल है जब पति पत्नी एक दुसरे का सम्मान सबके सामने महफूज़ रखे नाकि दुनिया के सामने उसे नीचा दिखाए.
शादी के इस लम्बे सफर में बहुत सारे उतर चढ़ाव आते हैं, बहुत सारे प्रलोभन आते हैं जो मन को भटका सकते हैं, पर उनको जिस दम्पति ने एक दूसरे का साथ देकर पार कर लिया वही एक मज़बूत रिश्ते को अंजाम देते हैं.
जिस प्यार और सम्मान के साथ राजकुमार और राजकुमारी एक दुसरे को देख रहे थे अगर २० साल बाद भी वैसे ही देखे तभी वे एक सफल दम्पति कहलाएंगे. वक़्त, उम्र और अनुभव अगर उस प्यार-भरी नज़र को छीन न सके तभी उनकी शादी एक मिसाल होगी. आशा है ऐसा ही होगा.